पंचायती राज एंव महिला नेतृत्व-एक अवलोकन

Authors

  • डा. जयश्री रणसिंह

Abstract

भारत में महिलाओं की विशाल संख्या अधीनता तथा उपेक्षित वर्ग का जीवन बीता रही है, और इसी कारण समाज में विषमता बढ रही है। यद्यपि महिलांए अब बडी संख्या में आर्थिक और राजनैतिक क्रियाकलापों तथा परिवर्तन की प्रक्रिया में भाग ले रही है पर वास्तव में न तो वे इससे लाभान्वित हो रही है और न ही वे अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए इन बदलाव की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में सक्षम है। स्थानीय शासन की इकाइयों में ऐसा बहुत कम होता है कि ग्रामीण महिलांए स्वंय अपने बलबूते पर ही निर्वाचित हो। जबकि अधिकतर यह देखा जाता है कि जो महिलांए प्रतिनिधी निर्वाचित होती है उसमें उसके पुरूष परिजनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

प्रस्तुत अध्ययन में छत्तीसगढ़ राज्य को त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की महिला प्रतिनिधियों के अनुभाविक प्रमाणों के आधार पर राज्य में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक स्थिति एंव राजनीति की भागीदारी की प्रकृति का परीक्षण किया गया है।

 

Downloads

Published

2021-09-03