मीडिया और साहित्य
सार
मीडिया और साहित्य मानव जीवन के अनुपक्षेणीय अंग है। साइबर संस्कृति और ई-नेटवर्क की दुनिया में नयी पीढ़ी जी रही है। कोरोणा के ज़रिए यह संस्कृति बढ़ती जा रही है। इसलिए नयी मानव संस्कृति इलक्ट्रोनिक रोबोट कीतरह यांत्रिक मानव संस्कृति बन गयी है। साहित्य भी मीडिया के चंगुल में फँस गया है।
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प्रकाशित
2021-06-15